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स्वच्छता आयात परमिट (एसएलपी) जारी करने हेतु आवेदनों के प्रसंस्करण के लिए उपयोगकर्ता शुल्क में संशोधन- संबंध। L-110111/9/2024-Trade (E-28872) 2025-04-30
आयात एवं निर्यात आवेदनों के लिए प्रसंस्करण शुल्क के संग्रह और पशु संगरोध एवं प्रमाणन सेवा स्टेशनों पर पशुओं को रखने के लिए आवास शुल्क में वृद्धि के लिए प्रशासनिक अनुमोदन - के संबंध में। L-110111/9/2024-Trade (E-28872) 2025-04-28
एनएसडब्ल्यूएस पर एसआईपी अनुमोदन के लिए आवेदन कैसे करें। - 2025-02-17
सूचनाएं
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पशुधन आयात अधिनियम, 1898 के अंतर्गत अधिसूचना एस.ओ. 1139 (ई), दिनांक 12 मार्च, 2025 - के संबंध में। L-110110/17/2017-Trade-Part(1) (E-15243) 2025-03-25
नये एनटीएम अधिसूचित करने के लिए भरा हुआ प्रोफार्मा प्रस्तुत करना-तत्संबंधी। L-110102(2)/2/2016- Trade (E-246) 2025-03-03

व्यापार ईकाई के कार्य

पशुधन और पशुधन उत्पा‍दों का व्यापार भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति से नियंत्रित होता है जिसका कार्यान्वयन वाणिज्य विभाग द्वारा किया जाता है।

पशुपालन और डेयरी विभाग पशुधन और पशुधन उत्पादों का आयात, पशुधन आयात अधिनियम, 1898 की धारा 3 और धारा 3अ के प्रावधानों के अनुसार नियंत्रित करता है ताकि ऐसे पशुधन और पशुधन उत्पादों के आयात से विदेशी बीमारियों का प्रवेश रोका जा सके।


ईएक्सआईएम नीति के अनुसार जीवित पशुओं का आयात प्रतिबंधित वर्ग की सूची (यह आयात के लिए स्वतंत्र नहीं है) के तहत आता है जिसके लिए आयातक को विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) से लाइसेंस लेना होता है। डीजीएफटी, प्रस्ताव की जांच करने और जोखिम विश्लेषण करने के बाद इस विभाग की सिफारिशों पर लाइसेंस जारी करता है। ईएक्सआईएम नीति के अलावा, केंद्र सरकार के पास पशुधन आयात अधिनियम 1898 की धारा 3 के अनुसार जीवित पशुओं के आयात को नियंत्रित, प्रतिबंधित और निषेधित करने की शक्ति है। पशुपालन और डेयरी विभाग ने पशुधन आयात अधिनियम की धारा 3 के तहत दिनांक 10 जून, 2014 को अधिसूचनाएं एस.ओ. 1495(ई) और 1496(ई) जारी की हैं। इन अधिसूचनाओं के जरिए, विभाग ने पशुओं के उन वर्गों को अधिसूचित किया‍ है जिन्हें‘’पशुधन’’माना जा सकता है और जीवित पशुओं के लिए आयात और संगरोधन प्रक्रिया भी निर्धारित की है।


ईएक्सआईएम नीति के तहत पशुधन उत्पादों को ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) श्रेणी कैटेगरी में रखा गया है। ईएक्सआईएम नीति के अलावा, केंद्र सरकार के पास पशुधन आयात अधिनियम 1898 की धारा-3ए के अनुसार पशुधन उत्पादों के आयात को नियंत्रित, प्रतिबंधित और निषेध करने की शक्ति है। इस संबंध में, विभाग ने पशुधन उत्पादों की सूची और पशुधन उत्पादों के आयात की प्रक्रिया की 17 अक्टूबर, 2015 को अधिसूचना एसओ 2666 (ई) जारी की है। इन उत्पादों के आयात की अनुमति तभी दी जा सकती है जब उनके पास सेनेट्री इंपोर्ट परमिट हो, जो आयात के जोखिम विश्लेषण की जांच के बाद विभाग जारी करता है। मूल देश से भेजे जाने से पहले सेनेट्री इंपोर्ट परमिट (एसआईपी) है। पशुधन उत्पादों के आयात जोखिम विश्लेषण की जांच के आधार पर विभाग पशुधन उत्पादों के लिए एसआईपी जारी करता है। उत्पाद की प्रकृति के अनुसार परमिट एक साल या छह महीने के लिए वैध होते हैं और इनका उपयोग एक से ज्या‍दा बार प्रेषण के लिए उपयोग किया जा सकता है।


सेनेट्री इंपोर्ट परमिट कोई लाइसेंस नहीं है, बल्कि यह भारत की स्वच्छता आवश्यकताओं को प्रमाणित करने वाला एक प्रमाण-पत्र है।


पशु और पशु उत्पादों के आयात की अनुमति समुद्री पोर्टों /बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली , हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई के हवाई अड्डे से ही है जहां पशुओं के संगरोधन और प्रमाणन की सुविधा उपलब्ध है। मत्स्य उत्पादों का आयात विशाखापट्टनम (आंध्रप्रदेश राज्य में) के समुद्र पोर्ट, कोचि के समुद्र पोर्ट और हवाई अड्डे और पेट्रापोल के भू-सीमा स्टेशन (सिर्फ बांग्लादेश से आयात के लिए) से किया जा सकता है।